नमस्कार दोस्तों !
शिनानो नदी (Shinano River) जापान की सबसे लम्बी और चौड़ी नदी है, साथ ही यह एक महत्वपूर्ण नदी भी है। नदी की बेसिन की बात करे तो यह टोन नदी (Tone River) और ईशिकारी नदी (Ishikari River) के बाद शिनानो नदी की बेसिन जापान की तीसरी सबसे बड़ी नदी बेसिन है। इस नदी को चिकुमा नदी के नाम से भी जाना जाता है। यह नदी जापान की होन्शु (Honshu) द्वीप पर स्थित है, जापान की ऐल्प्स पर्वत श्रेणी से निकलती है और उसके बाद नागानो और निगाता प्रांतों से होकर जापान सागर में गिरती है।

भौगालिक स्थिति :
शिनानो नदी जापान की होन्शु द्वीप में बहती है। इस नदी की उत्पति की बात करे तो यह जापान की कोबुशी पर्वत (Kobushi Mount) से निकलती है, जो जापानी ऐल्प्स की उत्तर-पूर्व भाग में स्थित है। इसके बाद निगाटा और नागानो प्रांतों से होते हुए जापान सागर में मिल जाती है। नदी अपने 367 किलोमीटर की रास्ते कई शहरों और मैदानी इलाकों से होकर गुजरती है, जैसे निगाटा, नागाओका, नागानो, और मातसूमोतो शहर। शिनानो नदी का जल ग्रहण क्षेत्र की बात करें तो यह लगभग 11,900 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैला है, जो इसे जापान की तीसरी सबसे बड़ी जल ग्रहण क्षेत्र वाला नदी बनाता है।
इतिहास :
शिनानो नदी, जापान की इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, सायद इस कारण से और आज के समय को देखते हुए भी इसे जापान की जीवन रेखा कहा जाता है। प्राचीन काल से ही नदी के पास के इलाकों में रहने वाले जिव जंतुओं के साथ मनुष्य के लिए भी यह नदी, पानी का एक मुख्य स्रोत है। नदी अपने तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक उर्वर भूमि प्रदान करती है, जो खेती करने के लिए बेहत अच्छा है। पहले के समय से ही यहाँ के लोग इसी उर्वर भूमि के ऊपर ज्यादातर धान के खेती करते थे, और आज भी वहां ज्यादातर धान की खेती ही किया जाता है, साथ में बाकि सब्जियों का भी।

जल संरक्षण एवं बांध :
शिनानो नदी जापान के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती आयी है। नदी के जल को विभिन्न आवश्यक जगहों पर उपयोग किया जाता है, जैसे खेतों में सिंचाई, जलविद्युत उत्पादन और औद्योगिक कामों में। इस पुरे नदी प्रणाली लगभग 90 बांध बनाए गए हैं, जिनमे Takase Dam, Nanakura Dam, Omachi Dam प्रमुख हैं। यह नदी प्रणाली से जापान के लगभग 30 लाख लोग उपकृत होते हैं।
पर्यावरण :
शिनानो नदी जापान के पर्यावरण को संतुलन में रखने के लिए एक सहायक और आवश्यक बातावरण प्रदान करती है। इस क्षेत्र में कई प्रकार के पक्षी और जलीय जिव पाए जाते हैं। साथ में यहाँ अनेक प्रकार के मछलियां देखने को मिलते हैं, जो आसपास के क्षेत्र में रहने वाले मछुआरों के लिए आमदनी का एक मुख्य स्रोत है। इस नदी पर सालमन और ट्राउट मछली भी पाए जाते हैं।

यहाँ आनेवाले टूरिस्टों के लिए यह एक आकर्षण का केंद्र हैं। और यहांके मन को छूनेवाला अनेक ऐतिहासिक स्थल और प्राकृतिक सौंदर्य को देख कर लोग यहाँ पर खींचे चले आते हैं।